राजनीति से प्रेरित है ये मामला जो पत्रकारों पर कराया फर्जी मुकदमा

 डिबाई : नगर के वी डी हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर प्रदीप द्वारा जो फर्जी मुकदमा महिला के पति व मृतक महिला के भाई को सम्मिलित करते हुए नगर के पांच पत्रकारों पर जो मुकदमा दर्ज कराया है वह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित और एक राजनतिक षड्यंत्र है क्योंकि जिस दिन इस हॉस्पिटल के डॉक्टर द्वारा लापरवाही करने का आरोप मृतक के परिजनों ने लगाया था पत्रकारों ने इस घटना की कबरेज कर विभिन्न समाचार पत्रों और चैनलों पर इस खबर को प्रसारित किया गया था उसके अगले ही दिन कवरेज करने गए पत्रकार नीरज सुदामा को क्षेत्रीय विधायिका अनीता लोधी राजपूत ने धमकी दी थी कि तुम्हें उस हॉस्पिटल व डिबाई के अन्य पत्रकारों से अलग रहना होगा अन्यथा तुम्हारी भी दुकानें बन्द करा दी जायेंगी अब सोचने वाली बात यह है कि ऐसे हॉस्पिटल जिसने एक महिला की जान ले ली हो उस हॉस्पिटल से विधायिका को इतना प्यार व लगाव क्यों है जबकि विधायिका की सहानुभूति तो मृतक महिला के परिजनों के साथ होनी चाहिये थी लेकिन विधायिका को तो केवल हॉस्पिटल के स्वामी मौत के सौदागर डॉक्टर से लगाव है खबर सूत्रो के हवाले से मिली है कि घटना वाले दिन विधायिका के करीबियों ने ही मृतक महिला के परिजनों पर दबाव बनाकर फैसला कराया था क्या यह हॉस्पिटल विधायिका के ही सानिध्य में चल रहा है अगर ऐसा है तो फिर उस हॉस्पिटल की सही करतूत दिखाने वाले पत्रकारों  पर फर्जी मुकदमा क्यों ऐसा नही है कि यह पहला मामला हो पहले भी इस दबंग डॉक्टर के द्वारा पीड़ित मरीज़ों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराऐं जा चुके है अगर ऐसी ही दवंगई इस डॉ. और क्षेत्रीय विधायिका की चलती रही तो पत्रकार जो सच्चाई को जनता के सामने लाने का कार्य करता है अगर वही कलम नेताओं के दवाब में चलेगी तो चाटुकारिता शुरू हो जायेगी और सही पत्रकारिता का आस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा।