एम्बुलेंस चालकों की सूझबूझ व सक्रियता से बची कई की जान 

बुलन्दशहर : एम्बुलेंस चालकों की सक्रियता से देर शाम दुर्घटना में घायल कई लोगों की जान बच गयी। अलीगढ़-अनूपशहर नेशनल हाइवे पर गांव नारायणपुर के निकट रोडवज बस और ट्रक की भिड़ंत में एक दर्जन से अधिक सवारियां घायल हो गयी थीं सूचना मिलते ही 108 और 102 एम्बुलेंस जिला प्रभारी राजन सक्रियता दिखाते हुए चार एम्बुलेंस के साथ मौके पर पहुंच गये उन्होंने अपनी टीम की मदद से सभी घायलों को प्राथमिक उपचार देते हुए सीधे मेडिकल कालेज अस्पताल अलीगढ़ में भर्ती कराया समय से उपचार मिलने पर सभी की जान बच गयी बुलन्दशहर के एम्बुलेंस जिला कार्यक्रम मैनेजर सचिन त्यागी, ने बताया देर शाम जनपद के अलीगढ़-अनूपशहर मार्ग पर गांव नारायणपुर के निकट रोडवेज बस और ट्रक की भिड़ंत की सूचना मिलते ही दानपुर, अहमदगढ़ और पण्डारबल की एम्बुलेंस के साथ जिला प्रभारी राजन, को मौके पर भेजा गया राजन और एम्बुलेंस चालकों की सूझबूझ और सक्रियता से हादसे में घायल लोगों को तुरंत इलाज मिल गया वरना कई घायलों की जान जा सकती थी दानपुर एम्बुलेंस चालक अमर सिंह, आईएमटी अभिषेक मिश्रा, ने बताया घटना की सूचना मिलने के पांच मिनट में एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गईं इसके बाद घायलों को एम्बुलेंस से महज 35 मिनट में 37 किलो मीटर की दूरी तय करते हुए मेडिकल कालेज अस्पताल अलीगढ़ में भर्ती कराया। समय पर सही इलाज मिलने से सभी की जान बच गयी जनपद में अभी 41 एम्बुलेंस 102 और 40 एम्बुलेंस 108 हैं जबकि 4 वेंटीलेटर एम्बुलेंस है क्या है 108 तीन अंकों का एक निशुल्क नम्बर है इसका उपयोग चिकित्सा,पुलिस व आग से सम्बन्धित आपातकालीन स्थितियों में किया जाता है यह 24 घंटे व 365 दिन उपलब्ध है किसी भी मोबाइल फोन या लैंडलाइन से डायल किया जा सकता है कब डायल करें 108 नम्बर दिल का दौरा हार्ट अटैक पड़ने पर तेज पेट दर्द,सांस, में तकलीफ होने पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर जानवरों के काटने अचानक बेहोश होने पर इसके आलावा अन्य किसी प्रकार की इमरजेंसी की स्थिति में 102 क्या है तीन अंकों का टोल फ्री नंबर है इस पर निशुल्क एम्बुलेंस सेवा 24 घंटे व 365 दिन उपलब्ध है लैंडलाइन और मोबाइल दोनों से कॉल की जा सकती है कब डायल करें 102 एम्बुलेंस सेवा में गर्भवती महिला को घर से अस्पताल लाने और वापस घर तक छोड़ने बेहतर इलाज के लिए गर्भवती महिला व शिशु को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक छोड़ने एक साल तक के बच्चों को किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर घर से अस्पताल लाने और वापस अस्पताल से घर छोड़ने के लिए बेवजह न करें फोन 108 और 102 के आशियाना सहित कॉल सेंटर में हर रोज सैकड़ों अनावश्यक कॉल्स आती हैं जिसकी वजह से आपताकालीन सेवाओं में बाधा पड़ती है साथ ही जरूरतमंदों को समय पर सेवा नहीं मिल पाती है इसलिए अनावश्यक कॉल न करें ।