कौशल सतरंग' के सात रंगों से युवाओं के कौशल में लगेंगे पंख


लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार लगातार युवाओं के सपनों को साकार करने की दिशा में कार्य कर रही है। युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के जरिए सरकार सशक्त कर रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को लोकभवन में कौशल सतरंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर सीएम युवा हब तथा सीएम अप्रेंटन्सशिप प्रमोशन स्कीम को प्रदेश में शुरु किया गया है। 
कार्यक्रम में ‘कौशल सतरंग’ के सात घटकों का शुभारम्भ किया गया। पहले घटक 'सीएम युवा हब' के तहत विभिन्न विभागों के द्वारा वर्तमान में चलाई जा रही स्वरोजगार की योजनाओं को एक छतरी के नीचे समन्वित व एकीकृत रूप से संचालित किया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट सत्र में युवाओं में उद्यमिता को विकसित करने तथा युवाओं को प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए सक्षम बनाने की दृष्टि से मुख्यमंत्री युवा हब योजना की घोषणा की थी। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के व्यावसायिक और कौशल प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को अपनी स्टार्टअप इकाईयां स्थापित करने में आवश्यक सहायता व मार्गदर्शन इस योजना के माध्यम से दिया जाएगा और युवा उद्यमियों की एक वर्ष तक हैंडहोल्डिंग की भी व्यवस्था की गई है। इस योजना के अंतर्गत एक वर्ष में 30 हजार स्टार्टअप इकाईयों की स्थापना कराया जाना प्रस्तावित है।
दूसरे घटक सीएम एप्स ( मुख्यमंत्री एप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम) के तहत वर्तमान में नेशनल एप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम प्रभावी है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक एप्रेंटिस को भुगतान किए जाने वाले मानदेय की 25 प्रतिशत अथवा 1500 रुपये जो भी कम हो की प्रतिपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा संबंधित सेवायोजक प्रतिष्ठान को की जाती है। मुख्यमंत्री अप्रेंटिस शिप योजना के अंतर्गत उद्योगों में कार्यरत युवा एप्रेंसिटसेज के लिए उद्योगों को भारत सरकार द्वारा उनके मानदेय के सापेक्ष प्रतिपूर्त की जाने वाली धनराशि के रुप में भुगतान की जाएगी। कौशल सतरंग का तीसरा घटक जिला कौशल विकास योजना है, जो प्रदेश सरकार द्वारा नियोजन संबंधी रणनीति में बदलाव की रुपरेखा प्रस्तुत करता है। जनपद स्तर पर उपलब्ध रोजगार के अवसरों और भावी संभावनाओं को ध्यान में रखकर प्रत्येक जनपद में जिला कौशल विकास योजना तैयार की गई है। प्रत्येक जनपद में SWOT विश्लेषण के आधार पर तैयार की जाने वाली योजना के लिए प्रत्येक जनपद को दो लाख रुपये उपलब्ध कराये गए हैं। 
वहीं चौथे घटक कौशल पखावाड़े के आयोजन के तहत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने व स्वरोजगार के लिए इच्छुक युवाओं का पंजीकरण भी किया जाएगा। विश्व व राष्ट्रीय कौशल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रदेश के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार प्रशिक्षित करने के लिए आईआईटी, कानपुर और प्रदेश सरकार के बीच एक एमओयू साइन किया गया है। इसके अलावा आईआईएम, लखनऊ के साथ भी प्रदेश सरकार ने एक एमओयू साइन किया है। जिसके अंतर्गत आईआईएम लखनऊ द्वारा सीएम युवा कार्यक्रम के लिए नॉलेज पार्टनर के रुप में आवश्यक प्रबंधकीय सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। जो बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से हट जाते हैं उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग व उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच एमओयू साइन किया गया है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत आरोग्य मित्र के प्रशिक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग और गौ आश्रय स्थलों में रहने वाले गोवंश की देखभाल करने वाले गौ पालकों के लिए प्रशिक्षण के लिए पशुपालन विभाग के साथ भी एमओयू साइन किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार की विरासत में कौशल की विविधता है। सरकार ने शिल्पकारों के प्रमाणीकरण के लिए कौशल सतरंग के छठे घटक आरपीएल यानि रिक्गनीशन ऑफ प्रायर लर्निंग में प्राविधान किया है। प्रदेश के दो लाख 37 हजार से अधिक शिल्पकारों को उनके हुनर के लिए प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण सत्र संचालित किए जा रहे हैं। ओडीओपी योजना के साथ भी इसके समन्वय का प्रयास किया जा रहा है। कौशल सतरंग का सातवां घटक प्लेसमेंट एजेंसीज व रोजगार मेलों का आयोजन है। इस वर्ष अभी तक 696 रोजगार मेलों का आयोजन प्रदेश में किया जा चुका है। जिनके माध्यम से 1, 70, 000  युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।