लाख कोशिशों के बावजूद भी आंगनबाड़ी कार्यकत्री नवजात शिशु को नहीं बचा पाई

 इलाज के दौरान बुलन्दशहर अस्पताल में रात्रि 1:00 बजे करीब हुई मौत


बुलन्दशहर : थाना नरौरा क्षेत्र के गांव बाजीदपुर निवासी आंगनवाडी कार्यकत्री लाख प्रयासों के बावजूद भी मिले नवजात शिशु बच्चे को नहीं बचा पाई बच्चे को बचाने के लिए तीर्थ स्थान जाने की भी मन में ठान ली थी लेकिन वह सपना सब अधूरा रह गया मिली जानकारी के अनुसार थाना नरौरा क्षेत्र के बाजिदपुर गांव के पास एक नवजात शिशु बच्चा  भट्टा के समीप नहर के किनारे गड्ढा पड़ा हुआ मिला था उसी समय उस रास्ते से गुजर रहे पिलखना निवासी डॉ मुनेंद्र सिंह, को उस बच्चे की चिख पुकार की आवाज सुनकर रूक कर देखा तो उस बच्चे को कुत्ते नोच रहे थे जिन्होंने मौके पर पहुंच कर कुत्तों को वहां से भगाकर बाजीदपुर निवासी आंगनवाड़ी कार्यकत्री किरन गौतम पत्नी श्यामबाबू को  सूचना दी जिस पर किरण गौतम मौके पर पहुंचकर उस नवजात बच्चे को बोरी से निकाल कर घर ले गयीं और खून से लथपथ सफाई करने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नरौरा में भर्ती कराया गया उस बच्चे की हालत गंभीर बनी होने के कारण डाक्टरों ने बुलंदशहर रेफर कर दिया था  घायल बच्चे का आईसीयू में इलाज चल रहा था इलाज के दौरान रात्रि के करीब एक बजे डाक्टरों ने उस नवजात बच्चे को मृत घोषित कर दिया यह होती है मां की ममता एक मां ने जन्म देकर लोक लाज के कारण उस नवजात बच्चे को फेंक कर चली गई और दूसरी मां आंगनवाडी कार्यकत्री किरण गौतम ने उस नवजात बच्चे को पालने का बीड़ा उठाया था जैसे ही डाक्टरों ने उस बच्चे को मृत् घोषित किया वैसे ही आंगनवाडी रोते बहुत दुखी हुई थी उन्होंने बताया कि बच्चे को कुत्ते ने घायल कर दिया था जिसके इंजेक्शन लगने में देरी होने के कारण इंफेक्शन पूरे शरीर में फैल गया था बच्चे का सारा शरीर नीला पड़ गया था आंगनवाडी कार्यकत्री किरण गौतम ने बताया उस बच्चे को इलाज के दौरान ईश्वर से प्रार्थना की थी देवी मां के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रा जाने की भी बोली थी कि बच्चा सही सलामत जीवित रह जाए मृतक बच्चे को आंगनवाडी कार्यकत्री किरण गौतम के पति श्याम बाबू ने ग्राम प्रधान ग्रामीण जनता के सहयोग से पुलिस को सूचना देने के बाद गांव के समीप गड्ढे में दफना दिया गया है।