नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक ने अपने 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों के लिए खाते में औसत मासिक न्यूनतम राशि रखने की अनिवार्यता बुधवार को समाप्त करने की घोषणा की। इससे अब बैंक के सभी बचत खाताधारकों को ‘जीरो बैलेंस' खाते की सुविधा मिलने लगेगी। इसके अलावा बैंक ने सभी बचत खातों पर ब्याज दर समान रुप से तीन प्रतिशत वार्षिक कर दिया है। साथ ही मियादी जमाओं तथा कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दरों एमसीएलआर में कटौती की भी घोषणा की है। एसबीआई ने एक बयान में कहा कि देश में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए उसने औसत मासिक न्यूनतम राशि एएमबी रखने की अनिवार्यता खत्म की है। अभी मेट्रो शहरों में बचत खाताधारकों को एएमबी के रूप में 3,000 रुपये, कस्बों में 2,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपये खाते में रखने होते हैं। एएमबी की शर्तें पूरी नहीं करने पर उन्हें पांच से 15 रुपये तक जुर्माने और करों का भुगतान करना होता है। एएमबी समाप्त किए जाने से बैंक के इन खाताधारकों को ‘जीरो बैलेंस' यानी कोई न्यूनतम राशि नहीं रखने की सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही बैंक ने त्रैमासिक आधार पर एसएमएस सेवा के लिए वसूला जाने वाले शुल्क भी खत्म कर दिया है। इस बारे में बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, ‘‘यह फैसला और अधिक लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला होगा।
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