पुलिस कलर के साथ डेल्ही क्राइम और प्रेस युक्त स्टीगर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। दिल्ली एनसीआर सहित आसपास क्षेत्र के अधिकांश युवकों के मोटरसाइकिल के आगे यह स्टीगर लगा हुआ है। सामने से देखने वाला सोचता है कि यह पुलिसकर्मी है या पत्रकार। जब तक वह पूछने की तैयारी करता, तब तक बाइकर निकल जाते हैं। अक्सर जांच करते वक्त अधिकतर पुलिसकर्मी इन्हें बिना जांच किए छोड़ देते हैं। आश्यर्च यह है कि स्टीगर में प्रेस बड़ा सा लिखा हुआ है। जबकि डेल्ही क्राइम के साथ-साथ दिल्ली क्राइम व भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा छोटा-सा लिखा हुआ है, जो दूर से नहीं दिखाई देगा। जबकि प्रेस लिखा हुआ आप दूर से ही देख सकते हैं। स्टीगर युक्त युवक से पूछने पर उसने कहा कि यह एक एनजीओ है। 2100/- रुपए देकर सदस्य बनना पड़ता है। इसके बाद संस्था की ओर से चार चक्का और दो चक्का वाहन के लिए स्टीगर सहित अन्य कागजात दिये जाते हैं। युवक से पूछे जाने पर उसने कहा, न तो पत्रकार हूं और न ही पुलिसकर्मी हूं। संस्था के कहा कि इसे लगाओ। तभी तुम्हारी पहचान बनेगी, इसलिए लगा लिया हूं। युवक ने कहा कि जब से स्टीगर को लगाया हूं, तबसे पुलिस मोटरसाइकिल नहीं रोकती है। कही भी आने-जाने में परेशानी नहीं होती है। यदि युवक ने पूछा पत्रकारिता करनी हो यदि दिल्ली क्राइम प्रेस में तो कैसे करेंगे तो युवक ने बताया कि दिल्ली क्राइम प्रेस में 3 महीना की ऑनलाइन ट्रेनिंग भी कराई जाती है जिसमें की रिपोर्टर्स की सभी सामग्री प्राप्त करा दी जाती है जिससे पत्रकारिता करने में कोई भी कठिनाई न आए जर्नलिज्म का कोर्स करने के बाद वह पत्रकार बन जाता है और देश की सेवा में लग जाता है ।
मोटरसाइकिलों में लगा डेल्ही क्राइम और प्रेस युक्त स्टीगर बना चर्चा का विषय