नोएडा में शराब न मिलने से, 10 से 15 लोग रोज पहुँच रहे अस्पताल

 नोएडा : एक ओर जहां कोरोना से लड़ाई में लोग घरों में बंद हैं, वहीं लॉकडाउन के चलते शराब की दुकानें भी बंद हैं। ऐसे में शराब के आदी लोग डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। शराब न मिलने से किसी के हाथ-पैर कांप रहे हैं तो किसी को चक्कर और उल्टी आ रही है। ये लोग 108 पर कॉल करके हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं।


 
ग्रेटर नोएडा कोविड-19 से चल रही जंग में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के लिए बुखार-खांसी के मरीज बड़ी समस्या बने हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों की इमर्जेंसी में बैठे डॉक्टरों के लिए शराब के आदी बड़ी चुनौती बने हुए हैं।


लॉकडाउन के इस दौर में उन्हें शराब नहीं मिल रही। इस कारण जहां किसी के हाथ-पैर कांप रहे हैं तो किसी को चक्कर और उल्टी आ रही है। ऐसे में अधिकतर बेवड़े मुफ्त इलाज के लिए 108 पर कॉल करके सरकारी अस्पतालों की इमर्जेंसी में पहुंच रहे हैं।


"सारे ठेके हैं बंद"
बता दें कि देश में कोरोना के खतरे को देखते हुए 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है। इस दौरान प्रदेश में सभी देसी-विदेशी शराब के ठेके बंद हैं। ऐसे में नशे के आदी लोगों को शराब नहीं मिलने के चलते कई सारी समस्याएं हो रही हैं। दादरी सरकारी अस्पताल की इमर्जेंसी में तैनात ईएमओ डॉ. संजीव सारस्वत ने बताया कि हर रोज अस्पताल में शराब के आदी ऐसे 10 से 15 लोग आ रहे हैं, जिनके परिवार वाले बताते हैं कि वह शराब का आदी है। अब शराब नहीं मिल पाने के कारण उसके हाथ-पैर कांप रहे हैं। कई बार चक्कर खाकर जमीन पर भी गिर जाता है।


"कुछ को लग रहा हार्ट अटैक आ जाएगा"


कुछ शोर मचाते हुए ऐसे लोग भी आते हैं कि उन्हें अटैक पड़ रहा है, लेकिन जब उनकी बीमारी की हिस्ट्री जुटाई जाती है तो पता चलता है कि नशे के आदी हैं। शराब नहीं मिल पाने के चलते उन्हें घबराहट हो रही होती है। कुल मिलाकर ऐसे लोग मुफ्त की ऐम्बुलेंस का उपयोग कर अस्पताल पहुंच रहे हैं। जहां आकर वो डॉक्टरों का काफी समय खराब कर रहे हैं। वहां डॉक्टर उनकी काउंसलिंग करके वापस भेज देते हैं या फिर उनको किसी मनोवैज्ञानिक डॉक्टर से मिलने की सलाह दे रहे हैं।