गाज़ियाबाद - देश में कोरोना जैसी महामारी ने आतंक मचा रखा है। जिसके कारण आज लोग अपने घरो में रहने पर मजबूर है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बेज़ुबान जीव जन्तुओ पर पड़ा है। सभी जीव आज खाने की तलाश में इधर उधर भटक रहें है।
गौ माता सेवा संस्था* के द्वारा लॉकडाउन के शुरुआती दिनों से ही इन बेजुबान जीवो के लिए खाने-पीने व उपचार की सुविधा शहर के अलग-अलग स्थानों पर लगातर मुहैया कराई जा रही है। इसके साथ ही लोगो को बेजुबान जीवो की सहायता के लिए संस्था के कार्येकर्ताओ के द्वारा प्रेरित किया जा रहा है ताकि किसी भी बेजुबान की मृत्यु लॉकडाउन के समय में भूखे व प्यासे रहने की कारण ना हो सके। यह हम सब का कर्तव्य भी बनता है कि हमारे घरों के आस पास रहने वाले बेज़ुबान जीव जंतु भूखे ना रहें। गौ माता सेवा संस्था पिछले तीन सालो से निरंतर अपनी सेवाएं बेजुबानो जीवो के लिए प्रदान कर रही है।
आमजन के द्वारा सूचना मिलने पर गौ माता सेवा संस्था की क्विक रेस्क्यू टीम घटना स्थल पर पहुंच कर घायल जीव जंतुओं को उपचार की सुविधा प्रदान करती है।
क्विक रेस्क्यू टीम का नेतृत्व रेयाँश गोस्वामी, हर्ष प्रताप सिंह व सौरव प्रजापति के द्वारा किया जाता है। गौ माता सेवा संस्था की टीम की कार्यकारणी अध्यक्ष गुरप्रीत ढिल्लों* के नेतृत्व में निरंतर गौवंश के लिए हरे चारे की व कुत्तों के लिए खाने की व्यवस्था करवाई जा रही है।
गम्भीर रूप से घायल बेज़ुबान जीवो के उपचार हेतु शहर के पहले ऐसे हॉस्पिटल का निर्माण कार्य भी करवाया जा रहा है।जिसमें सभी *आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो जैसे - ऑपरेशन थिएटर, अल्ट्रासॉउन्ड मशीन, एक्स-रे मशीन व लाने व ले जाने के लिए आधुनिक तकनिकी वाली एम्बुलेंस जैसी सुविधा इस हॉस्पिटल के अंतर्गत होंगी।*
गौ माता सेवा संस्था को युवाओं का भारी समर्थन प्राप्त हो रहा है । चूंकि *गौ माता सेवा संस्था की स्थापना महज 17 वर्ष की आयु में अंकुर चौधरी नामक एक युवा के द्वारा की गयी थी।
गौ माता सेवा संस्था के द्वारा लगभग अभी तक *तीन हज़ार से अधिक* बेज़ुबान जीवो को उपचार की सुविधा प्रदान की गई है। यह संस्था गाजियाबाद जिले में बेजुबान जानवरों को सुबह-शाम भोजन कराती है।