परिवार से बिछड़े बन्दर की देखभाल कर रहे दारोगा "संजय त्यागी


बुलन्दशहर : लॉक डाउन के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं इन दिक्कतों से जानवर भी अछूते नहीं रहे हैं इस दौरान जहां पुलिस लोगों की सहायता के लिए तत्परता दिखा रही है वहीं जानवरों के मदद के लिए भी वह आगे आ रही है ऐसा ही एक मामला बुलन्दशहर जिले के अगौता थाने से आया जहां परिवार से बिछड़े एक बन्दर के बच्चे की देखभाल अब दारोगा कर रहे हैं दरअसल एक बन्दर का बच्चा अपने परिवार से बिछड़ने के बाद अगौता थाने जा पहुंचा इस दौरान दारोगा संजय त्यागी, थाने में मौजूद थे इसके बाद से दारोगा ने बन्दर की देखभाल करना शुरू कर दिया बन्दर को समय-समय पर खाना पानी दिया जाने लगा वहीं बन्दर को भी दारोगा से काफी लगाव हो गया जिसके बाद से वह दारोगा संजय त्यागी, के साथ ही रहने लगा बन्दर का परिवार झुंड से बिछड़ गया था बन्दर दारोगा संजय त्यागी, ने बताया कि जब वो कहीं जाते हैं तो बन्दर का बच्चा थाने में ही कुर्सियों पर बैठा रहता है वहीं कई बार वह उनके साथ ही रहता है इतना ही नहीं बन्दर दारोगा के क्वार्टर में भी साथ-साथ आराम करता है दारोगा संजय त्यागी, ने बताया कि ये किसी तरह अपने झुंड से बिछड़ गया था और अचानक थाने में ही आ गया था और अब यहीं रहने लगा है दारोगा के साथ रहने लगा बन्दर उन्होंने बताया कि बन्दर को खाना पानी समय से मुहैया कराया जाता है वहीं बन्दर दारोगा के इर्द-गिर्द नजर आता है बन्दर थाने के भीतर कुर्सी पर बैठे दारोगा की बाजू पर अठखेलियां करता है कंधे पर चढ़ जाता है और बाजू का तकिया बनाकर मेज पर ही सो भी जाता है दारोगा संजय त्यागी, की मानें तो वह बन्दर की देखभाल में करीब एक माह से जुटे हैं थाने का स्टाफ रखता है बन्दर का खयाल
दारोगा संजय त्यागी, ने बताया कि वह बन्दर को कई बार उसके झुंड में छोड़कर आ चुके हैं लेकिन वह अब बार-बार थाने पर उनके पास ही वापस लौट आता है संजय त्यागी, के मुताबिक बन्दर करीब एक माह से इंसानों के बीच रह रहा है यही कारण है कि बाकी बन्दर अब इस छोटे बन्दरों को साथ नहीं रखते और ये बेजुबान बन्दर भी बार-बार वापस आकर दारोगा के पास बैठ जाता है थाने का सारा स्टाफ भी बन्दर के इस बच्चे से घुल मिल गया है और सभी इसका ख्याल रखते हैं ।