सीएम योगी ने 35818 रोजगार सहायकों को 225.39 करोड़ रूपये का भुगतान किया,
"ग्रामीण रोजगार सहायकों का मानदेय 2016 से लंबित था,
"मनरेगा में 50 लाख रोजगार सृजन की योजना पर तैयारी शुरू,
"दो दिनों में 190 अन्य ट्रेनों से 2 लाख 24 हजार श्रमिकों की वापसी,
"पहली बार एक्टिव केस कम, ठीक होने वाले मरीज अधिक,
"प्रदेश में 1735 एक्टिव केस, 1758 लोगों का हुआ सफल इलाज,
"कोरोना वायरस के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने लोकभवन में की प्रेस कॉन्फ्रेंस,
लखनऊ : 12 मई, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के समय में सभी प्रदेशवासियों को सुरक्षित रखते हुए राज्य की आर्थिक गतिविधियों को संचालित करना ही हमारी पहली प्राथमिकता है। इसके लिए अधिकारियों को कार्ययोजना बनाकर राजस्व वृद्वि करने का निर्देश उन्होंने दिया है। उन्होंने एक बार फिर कामगारों व श्रमिकों को पैदल यात्रा नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि हर जरूरतमंद की सहायता के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद द्वारा कोरोना वायरस के संबंध में लोकभवन में की गयी प्रेस कांफ्रेंस में दी गयी।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रामीण रोजगार सहायकों का 2016 से लंबित मानदेय का भुगतान कर दिया है। मंगलवार को डीबीटी के माध्यम से 35818 ग्रामीण रोजगार सहायकों को 225.39 करोड़ रूपये की धनराशी उनके बैंक खातों में डाल दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 11 के साथ बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि दूसरे प्रदेशों से आने वाले श्रमिकों के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए। पैदल आने वाले लोगों को तत्काल साधन मुहैया कराया जाए। हालांकि सीएम योगी ने एक बार फिर प्रवासी कामगारों व श्रमिकों से पैदल यात्रा नहीं करने की अपील भी की है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि सीएम योगी ने प्रदेश के राजस्व वृद्वि पर विशेष बल देते अधिकारियों को 20 लाख रोजगार सृजन का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान में मनरेगा में ही 23 लाख 86 हजार लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। आने वाले समय में मनरेगा से 50 लाख लोगों को रोजगार मिले। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली जाए। सीएम योगी ने कहा कि फूलों की खेती से धूप व अगरबत्ती उद्योग में रोजगार बढ़ेगा। तब हमें बाहर से आए माल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसी प्रकार सरकारी योजना के तहत प्राइमरी व प्राथमिक विद्यालयों में स्वेटर, मोजे वितरित किए जाते है। ऐसे में स्वेटर व मोजे का उत्पादन महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा होने पर बड़ी संख्या में महिलाओं को भी लाभ मिलेगा।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर कानपुर, मेरठ और आगरा में लॉकडाउन के सख्त पालन का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी आदेश दिया है कि बहुत से लोग दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश में वापस आए हैं। इनमें से कई लोगों का राशन कार्ड नहीं बना है। सीएम योगी ने ऐसे लोगों को चिहिंत कर तत्काल राशन कार्ड बनाए जाने का निर्देश भी दिया है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के लिए लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बीते 5 से 6 दिनों के भीतर 233 ट्रेन आ चुकी हैं। इन ट्रेनों से 2 लाख 81 हजार 400 श्रमिकों व कामगारों की वापसी हुई है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को भी 12 ट्रेनें आ रही हैं। उत्तर प्रदेश में अब 44 जिलों के स्टेशन को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि 190 और अतिरिक्त ट्रेनों को अनुमति दे दी गई है। ये ट्रेन अगले दो दिनों में आ जाएंगी। इन ट्रेनों से लगभग 2 लाख 24 हजार से अधिक श्रमिकों व कामगारों के वापसी करने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि ट्रेनों से आने वाले लोगों का स्टेशन पर ही मेडिकल जांच कराई जा रही है। इसके बाद उन्हें होम क्वारंटीन के लिए भेजा जा रहा है।
*प्रदेश में अबतक 1735 केस, 1758 हुए ठीक: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य*
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अब 1735 एक्टिव केस हैं। उपचार के बाद 1758 पेशेंट पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि सोमवार की शाम को यह पहली बार हुआ कि प्रदेश में एक्टिव केस कम है और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को कोरोना के 4754 सैंपलों की टेस्टिंग की गई साथ ही सोमवार को ही 1445 सैंपलों को मिलाकर 289 सैंपलों का पूल बनाकर टेस्टिंग की गई। टेस्टिंग में 32 पूल पॉजिटीव मिले।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के सर्विलांस में 70 हजार 129 टीम लगी रहीं। इन टीमों ने 58 लाख 53 हजार 570 घरों तक पहुंचकर 2 करोड़ 90 लाख 66 हजार 744 लोगों की जांच भी किया।