उन्नाव, पुलिस ने पत्रकार को बेरहमी से पीटा 

 आखिर पत्रकारों पर कब तक होगा ये, पुलिस का अत्याचार 



उन्नाव : में पत्रकारों को मारने पीटने और गाली गलौज जैसे मामले थमने का नाम नहीं ले रहे एक तरफ देश के मुख्यमंत्री लगातार शासन प्रशासन को यह आदेश दे रहे हैं कि पत्रकारों का सम्मान किया जाए और उनसे अभद्र भाषा का प्रयोग न करके मीठी  भाषा का प्रयोग करें लेकिन यहां तो सब उलट हो रहा है आपको बताते चलें कि उन्नाव जनपद के अंतर्गत आने वाले असोहा थाना में थाना प्रभारी सुरेंद्र अपनी तानाशाही के आगे किसी पत्रकार को नहीं मानता गस्त पर निकले थाना प्रभारी बिना मास के ही थे लेकिन जो लोग बिना मास्क के निकल रहे थे उनके साथ थाना प्रभारी शक्ति दिखाते हैं लेकिन अपने मास्क को थाना की शोभा बढ़ाने के लिए वहीं छोड़ दिया तो ऐसे में असोहा थाना क्षेत्र के एक पत्रकार की नजर उन पर पड़ गई और उसने खबर प्रकाशित कर दिया खबर देखते ही तिल मिलाएं थाना प्रभारी ने पत्रकार पर ही बेल्ट चला दिया तो क्षेत्रीय पत्रकारों ने मामले को सीओ से लेकर एसपी की चौखट पर भी डाला लेकिन अभी तक मामले में शक्ति के साथ कोई निर्णय नहीं लिया गया और असोहा थाना प्रभारी अभी भी तानाशाही हनक के साथ अभी भी असोहा थाना की गद्दी पर बैठा है इस मामले को सुनते ही पुरवा कोतवाली क्षेत्र के भाटमऊ प्रधान प्रतिनिधि ने भी हूंकार भरते हुए कवरेज करने गए पत्रकार पर जानलेवा हमला कर दिया हमले से पत्रकार भाग निकला तो प्रधान ने और भी नसीहत दे डाली कि अगर गांव में रहना है तो मेरे खिलाफ कोई भी समाचार प्रकाशित नहीं करना नहीं तो जान से मार दिए जाओगे अब देखना यह है कि ऐसे घमंडी और सत्ता के गलियारों में पकड़ मजबूत रखने वालों पर भी क्या कड़ी कार्यवाही होगी या मामला ज्यों का त्यों ही पड़ा रहेगा।