वाह रे नगर पंचायत पहासू

 एक तरफ सरकार पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करा रही है दूसरी तरफ रमजान के पवित्र माह में गन्दगी के अम्बार के करीब ही बिक रहे है नगर में फल व सब्जियां



शिकारपुर : पहासू कोविड-19 महामारी को लेकर पूरे देश में विगत दिनों से लॉक डाउन होने की वजह से जिले के कस्बा पहासू के मुख्य बाजार में स्थित सब्जी मंडी व सब्जी की दुकानों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत नगर की काली नदी शमशान घाट के करीब सड़क पर फल व सब्जियों की दुकानों को स्थानांतरित कर दिया गया है वही एक तरफ केन्द्र व राज्य सरकार साफ-सफाई व कोविड-19 महामारी को कन्ट्रोल करने के लिए करोड़ो रूपये पानी की तरहा वहा रही है दूसरी तरफ पहासू नगर पंचायत की तस्वीर क्या हालत बयां कर रही है जिसमें फल व सब्जियों की दुकानों को स्थानांतरित करते समय उस जगह जहाँ पर पूरे नगर की गन्दगी को डाला जाता है तथा भीषण गर्मी में उठती हुई दुर्गन्ध का भी ख्याल नगर पंचायत अधिकारियों को किया जाना आवश्यक था क्योंकि पवित्र रमजान के माह में मुस्लिम वर्ग व और नगर के सभ्रांत नागरिक महिलाये युवा व बच्चे फल व सब्जियां खरीदने जाते है तो उठ रही दुर्गन्ध से बिना फल व सब्जियां खरीदे घर को वापिस चले आते है जिस पर पहासू नगर निवासी विधि के छात्र आदिल ठाकुर, का कहना है कि इस महामारी के समय में व पाक रमजान के माह में नगर पंचायत को कम से कम उस गन्दगी पर मिट्टी डलवाकर समतलीकरण कर देना चाहिए था जिससे लोगो को दुर्गन्ध का सामना करना नही पड़ता वही कस्बा पहासू के भाजपा नगर अल्पसंख्यक अध्य्क्ष सलीम उर्फ पप्पू, का कहना है कि नगर पंचायत को फल व सब्जियां बेकने के लिए किसी दूसरे स्थान का चयन करना चाहिये था क्योंकि फल आदि पर वहाँ से मक्खी व मच्छर उड़कर फलों पर बैठते है जिससे लोगो के बीमार होने की फुल गारन्टी है वही नगर निवासी सोनू, राजू, हसीन खान, फैजान, प्रदीप, अजहर खान, सोनू चौधरी, व कन्हैय्या, का कहना है कि आखिर इस महामारी के समय मे नगर पंचायत का यह कैसा सेनेटाइज है जिसमें लोगो को फल आदि खरीदने के लिए इतनी दूर उल्टियां होने को तैयार बदबूदार जगह से खाने की चीजो को लेने के लिए दोपहर को चिल-चिलाती धूप में जाना पड़ता है जहां से खरीदे गए फल आदि को खाया ही नही जा सकता है और बेकने वालो के लिए खुले आसमान में धूप से बचने तक का कोई प्रबंध तक नही है वाह रे पहासू नगर पंचायत तेरे इंतजामात का क्या कहना ।