योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी और वित्तमंत्री का आभार जताया

 मुख्यमंत्री ने किसानों, फेरी नीति से आच्छादित लोगों, युवाओं, प्रवासी श्रमिकों और लोअर मिडिल क्लास के लिए राहत पैकेज का स्वागत किया"



लखनऊ : 14 मई, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसानों, फेरी नीति से आच्छादित होने वाले लोगों, युवाओं, प्रवासी श्रमिकों और लोअर मिडिल क्लास के लिए राहत पैकेज के माध्यम से जो घोषणा हुई है वह स्वाग्तयोग्य है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ह्दय से अभिनंदन किया है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के संकट से देश को उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ की जिस आर्थिक पैकेज की घोषणा की है, आज उसी पैकेज में से देश की वित्तमंत्री ने देश के किसानों, फेरी नीति से आच्छादित होने वाले उन 4 करोड़ ठेला, रेहड़ी, खोमचा, पटरी व्यवसायी समेत देश के करोड़ों प्रवासी श्रमिकों और युवाओं के लिए बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसके लिए प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री का ह्दय से अभिनंदन करता हूं। प्रदेश की जनता की तरफ से उनका आभार व्यक्त करता हूं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक बड़ा आर्थिक पैकेज है। खासतौर पर उस वर्ग के लिए जिन्हें कोरोना पैकेज की आवश्यकता है। देश के अंदर करीब 14 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में इस कोरोना संकट के दौरान 2000-2000 रुपए प्रति महीने हर किसान को अतिरिक्त सहायता देने की कार्यवाही पहले चरण में हुई है। उत्तर प्रदेश के 2.34 करोड़ किसान दो-दो बार ये सहायता प्राप्त हो चुकी है। देश के किसानों ने 4 लाख 22 हजार करोड़ रुपए बैंकों से लोन लिया था, इसमें समय के अनुरूप छूट की व्यवस्था देने की कार्यवाही प्रारंभ की गई है। खासतौर पर मोराटोरियम में व्यवस्था दी जा रही है, यह उन करोड़ों किसानों को राहत देगा, जो किसान इस समय इसकी आवश्कता को महसूस कर रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि फेरी नीति से आच्छादित होने वाला ठेला, रेहड़ी, खोमचा, पटरी व्यवसायी समेत रोज कमाने और खाने वाला वर्ग है, जिस पर मार पड़ी है। हम लोगों ने उत्तर प्रदेश में पहले से ही इन सबको आच्छादित कर के खाद्यान्न के साथ साथ इन्हें भरण-पोषण भत्ता देने की व्यवस्था की है। मैं आभारी हूं कि आज इन सबको इस पैकेज के दायरे में लाकर इन्हें 10 हजार रुपए की आसान किस्तों में लोन देने का कार्य हुआ है। देश में लगभग 4 करोड़ ठेला और पटरी व्यवसायी इससे लाभान्वित होगा। कोरोना संकट से उबरने के साथ ही उसे अपना व्यवसाय तेजी के साथ आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के बारे में कार्ययोजना घोषित हुई है। लाकडाउन के दौरान जब पूरी तरह बंदी हुई, तो उस समय बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से लोग अपने घर आना-जाना प्रारंभ किया। इन सभी के लिए दो प्रकार की सुविधाएं सरकार ने दी। सरकार की तरफ से इनके सुरक्षित खान-पान और रहने की व्यवस्था के साथ एक जगह से दूसरे जगह जाने की व्यवस्था का प्रावधान स्वागत योग्य है।


मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आगामी दो महीने के लिए इन सभी श्रमिकों को दो माह तक पांच किलो गेहूं और चावल एवं एक किलो दाल देने की व्यवस्था का प्रावधान किया जा रहा है, इसको भी हम पहले ही यहां खाद्यान्न के पैकेट के रूप में राशन किट देने की व्यवस्था कर रहे थे। स्वाभाविक रूप से सबसे ज्यादा प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश में आया है। अब तक 11 लाख प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं। मेरा अनुमान है कि अगामी एक सप्ताह में 20 लाख से ऊपर प्रवासी श्रमिक और आएंगे। इन सभी प्रवासी श्रमिकों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ लोअर मिडिल क्लास के लोगों को सस्ते में किराए पर मकान और प्रधानमंत्री आवासीय योजना की तर्ज पर आवासीय सुविधा देने की जो व्यवस्था तय की जा रही है, उसमें करोड़ों कामगार और श्रमिक लाभान्वित होंगे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए शिशु, किशोर और तरुण मुद्रा योजना में लोन की व्यवस्था की गई है। एक बड़ा पैकेज इसमें युवाओं के लिए नया स्टार्टअप स्थापित करने और नए सिरे से आत्मनिर्भर भारत निर्माण और स्वदेशी को प्रमोट करना शामिल है। अपनी ही प्रतिभा और ऊर्जा के माध्यम से हम भारत को पुन: वह गौरव दिलाएंगे, जिसके लिए भारत जाना जाता था। युवाओं के लिए भी पैकेज में व्यवस्था की गई है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि कल एमएसएमई और पावर सेक्टर के लिए जिस तरह से घोषणा हुई है और आज ही उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर से जुड़े 56000 से अधिक लोगों को 2000 करोड़ रुपए का लोन वितरण किया। ऐसे ही ये जो घोषणा किसानों और फेरी नीति से आच्छादित होने वाले, युवाओं और प्रवासी श्रमिकों और लोअर मिडिल क्लास के लोगों के लिए हुई है वह स्वाग्त योग्य है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही कोरोना संकट से उबरने के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में इस सेक्टर का अपना योगदान है। ये नींव के पत्थर हैं। इन्हें मजबूत करके हम लोग निश्चित ही आत्मनिर्भर भारत निर्माण में आगे बढ़ सकेंगे।