नगर पालिका के अधिकारियों के नाक के नीचे हो रही है जल की बर्बादी 

 मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट जल बचाओ अभियान को लग रहा है पलीता नगर पालिका के कर्मचारी व अधिकारी


 शिकारपुर : नगर पालिका में जहां एक ओर देश के अन्यान्य क्षेत्रों में पेयजल की समस्या निरंतर बनी हुई है तो वहीं दूसरी ओर इस समस्या से निपटने के लिए शासन प्रशासन व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने का दावा करता रहता है परन्तु क्या यह दावे पूर्णता सत्य है यह प्रश्न अपने आप में यह साबित करता है कि कहीं ना कहीं जल ही जीवन है जल संरक्षण तथा जल बचाओ जैसे नारे सिर्फ पढ़ने और सुनने के लिए ही है अर्थात आम जनमानस तो आगे आने वाली इस समस्या के प्रति लापरवाह है ही परन्तु मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट जल बचाओ अभियान में नगर पालिका ही पलीता लगाती नजर आ रही है जिसका जीता जागता प्रमाण है  नगर पालिका शुद्ध पीने का पानी बाटर टैंक जिससे निरन्तर पानी बहता हुआ नगर पालिका की लापरवाही प्रगट करता नजर आता है जहां एक ओर प्रधानमंत्री मोदी पेयजल की समस्या को लेकर अत्यंत चिंतित नजर आते हैं तो वही प्रशासनिक अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधे मूकदर्शक बने प्रतीत होते हैं जबकि इस शुद्ध पीने का पानी बाटर टैंक को नगर पालिका का कर्मचारी ही चला रहा होगा लेकिन आखिर इस लापरवाही क्यों न समझा जाए नगर पालिका की शुद्ध पीने का पानी बाटर टैंक से निकलता हुआ पानी नगर पालिका की नाक के नीचे पानी की लापरवाही का जीता जागता प्रमाण मौजूद है देखना है कि नगर पालिका की यह कुम्भकर्णी नीन्द कब टूटती है।