शिकारपुर : दिल्ली-बदायूं मार्ग के शिकारपुर जिस पर सलेमपुर तिराहे से लेकर नगर पालिका परिषद तक लगभग 25 हजार रूपयें की लागत से वर्षों पूर्व उघोग व्यापार मण्डल की तरफ से हुआ था । पोधा रोपण बताते चलें कि एक गमले की कीमत लगभग 11 सो रूपयें बताई जा रही है लेकिन उघोग व्यापार मण्डल ने नगर पालिका परिषद को देख-रेख के लिए सौपे थे पोधों कि देख-रेख शिकारपुर नगर पालिका को दी थी शिकारपुर नगर पालिका कि लापरवाही के कारण पौधों को नहीं दिया गया पानी जिसकी वजह से पौधे सूख गए आखिर उघोग व्यापार मण्डल ने तो शिकारपुर नगर पालिका को सौपे थे पौधे नगर पालिका ने क्यों नहीं दिया पानी जबकी सरकार की मानें तो पोधें लगाओ पानी दो पर भारी जोर दिया जा रहा है लेकिन उल्टा सरकार को लगाया जा रहा है। पलीता शायद शिकारपुर नगर पालिका चेयरमैन, व नगर पालिका ईओ, ने गम्भीरता से नहीं लिया था वृक्षारोपण की जिम्मेदारियों का खास-भार शिकारपुर नगर पालिका चेयरमैन जिम्मेदारियों को समझ कर कार्य करती या उन पौधों में समय से पानी डलवा देंती तो वृक्षारोपण सही तरीके से रहता और सुन्दरता का प्रतीक बनता शिकारपुर जिस कदर बुलन्दशहर की तरफ से शिकारपुर के अन्दर आया जाता है तो सलेमपुर तिराहे से लेकर शिकारपुर नगर पालिका परिषद के पास तक पौधारोपण हुआ था, अगर उनमें सही समय पर पानी ढलता तो कितनी सुन्दरता वहां पर देखने को मिलती सभी पर पानी फेरा गया शिकारपुर नगर पालिका की तरफ से उघोग व्यापार मण्डल की आशाओं पर फिर से पर्दा डाल दिया या तो उघोग व्यापार मण्डल फिर से पौधारोपण करें और उसमें अपने कंधे पर जिम्मेदारियां समझे तभी वृक्षारोपण ठीक से कामयाब हो सकता है शिकारपुर नगर पालिका के अधिकारी व कर्मचारी कुम्भकर्णी नीन्द सोये हुए हैं।
हजारों रुपयें की लागत से हुआ था वृक्षारोपण परन्तु शिकारपुर नगर पालिका की लापरवाही से सूखे पौधे