हर बार दोषी पाये जाने पर भी, मिल ही जाती है सहदेव को एमएमजी हॉस्पिटल में ज्यांनिग

चिकित्सा अधिकारियों की मिलीभगत कहें या लापरवाही


गाजियाबाद : बार-बार दोषी पाए जाने पर किस तरह से मिल जाती है सहदेव को एमएमजी हॉस्पिटल में जॉइनिंग । कुछ वर्ष पूर्व जिला अस्पताल में इमरजेंसी में आई महिला को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद महिला का हाथ काटना पड़ा। लम्बी चली जांच के बाद सीएमएस ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया है तो वहीं इंजेक्शन लगाने के निर्देश देने वाले डॉक्टर व फार्मासिस्ट पर भी शासन स्तर से कार्रवाई चली। इस मामले में पीड़ित महिला को मानवाधिकार आयोग द्वारा तीन लाख रुपए का मुआवजा प्रदान किया गया था। लंबी जांच में कमेटी ने इमरजेंसी में मौजूद स्टाफ को इस मामले में दोषी माना। सीएमएस रविन्द्र राणा ने जांच रिपोर्ट के बाद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहदेव शर्मा को सस्पेंड कर दिया था।
सूत्रों की माने तो फोर्थ क्लास कर्मचारी सहदेव शर्मा को पहले भी कई बार सस्पेंड किया जा चुका है। इसके बाद भी बार-बार जिला अस्पताल में ही नियुक्ति दे दी जाती है। पूर्व में भी सहदेव शर्मा पर एक पेशेंट को गलत दवाई देने से उसकी मौत हो गई जिसके बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया था।
हाल ही में सहदेव शर्मा जो कि डयूटी पर है, पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है । मोहित नाम के युवक ने रू.200000 लेकर नौकरी लगवाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की जिसको संज्ञान में लेते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल सीएमओ को आदेश करे कार्रवाई के लेकिन कार्रवाई कागजी स्तर पर हुई। परन्तु उसका कोई रिजल्ट नहीं आया। अब इसे सहदेव शर्मा की किस्मत कहे या अधिकारियों की मिलीभगत कि सहदेव शर्मा को हर बार उसे जिला अस्पताल में ही जॉइनिंग दे दी जाती है।