बुलन्दशहर : डिबाई नगर के कर्णवास बाईपास रोड पर स्थित करबला में कब्रिस्तान की लगभग सात बीघे भूमि पर एक पक्ष ने अपना अधिकार जमाते हुए उसमें भराव के लिए कुछ मलवा डलवाया था कि तभी दूसरा पक्ष सूचना मिलते ही फौरन आ गया और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए दरअसल बात यह है कि सन अट्ठारह सौ सत्तावन में कुछ मुस्लिम परिवार पाकिस्तान चले गए थे और 1857 में इस उक्त भूमि में कर्बला का जुलूस आकर समाप्त होता था और ताजिया इसमें दफन किये जाने लगे और बाकी की भूमि में कब्रिस्तान है जो पूर्णतया हिंदू आबादी के बीच में स्थित है इसमें दोनों ही पक्ष मुस्लिम है एक पक्ष हसियागंज के आरिफ पुत्र नबाव का है और एक पक्ष बब्बू पुत्र सरदार आलम चौधरी खेल का है सरदार आलम का पक्ष इसे अपनी विरासत बताता है और कोर्ट के आदेश भी अपने साथ लेकर आया है दूसरा पक्ष हसियागंज से जो है वह डिबाई के सारे मुस्लिम समुदाय का इस भूमि पर अधिकार बताता है और कब्रिस्तान और कर्बला दोनों की भूमि बताता है प्रशासन किस की बात से सहमत होता है फिलहाल प्रशासन ने दोनों पक्षों को थाने बुलाकर अपने-अपने दावे जो कर रहे है उनकी जांच पड़ताल की है देखना यह है दूसरा पक्ष पप्पू निवासी चौधरी खेल इसमें एक मार्केट का निर्माण करना चाहते है और हसियागंज का पक्ष उसको रोक रहा है अब देखना है कि यह मामला कहां तक जा सकता है आज पुलिस और प्रशासन के सारे अधिकारी मौके पर उपस्थित हुए और उन्होंने मामले की नजाकत को अच्छे से जाना।
कर्बला में कब्रिस्तान का मुद्दा आज फिर गरमाया दोनों पक्ष हुए आमने-सामने