भारत को सोने की चिड़िया कहा जाने वाला देश माना जाता है

 भारत को सोने की चिड़िया कहा जाने वाला देश माना जाता है वही भारत में कई सांस्कृतिक परंपराएं दिखाई देती है कई प्रकार की जाति है हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई व अन्य जाति और भारत को एक सर्कुलर देश भी माना गया है समय बीते बीते भारत की हर सभ्यता सांस्कृतिक परंपराओं का दुनिया में नाम रहा है। 


 दुखद :  चीन से शुरू हुई कोरोनावायरस की महामारी से जूझ रही दुनिया को इस महामारी का सामना करना पड़ रहा है, इसी में भारत देश भी जूझ रहा है कोरोना वायरस जिस तरह पूरे भारत देश में फैलता नजर आ रहा है वही संक्रमित होने की संख्या लगातार बढ़ती नजर आ रही है साथ ही में मरने वालों की संख्या भारत में कुल 27 के लगभग हो गई है। भारत सरकार लगातार इस महामारी से जूझ रहे नागरिकों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है वहीं भारत के हर राज्य की सरकारें भी लगातार इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए प्रयास कर रही है भारत सरकार ने इस महामारी से बचाव के लिए पूरे भारत में लोग डाउन कर दिया गया है ताकि इस गंभीर महामारी से बच सकें परंतु देश में गरीब मजदूर कंपनी में फैक्ट्रियों में काम करने वाले अपने घर जाने को बेबस हो रहे हैं यहां तक रोड ऊपर ही भूखे प्यासे मरने की तादाद पर नजर आते दिख रहे हैं वहीं राज्य सरकारें भी तमाम इंतजाम करने का प्रयास कर रही है जो हाईवे रोड पर गरीब मजदूर आदमी मौजूद है उन्हें समय समय पर खाना व दवाइयों की सुविधा उपलब्ध करा रही है राहगीरों को बसों की सुविधा भी उपलब्ध करा रही है ताकि वह अपने ठीक समय पर घर पहुंच जाएं। 


 सलाह : समाचार पत्रों में वीडियोस में मालूम होता है की भारत में कई दिग्गज नेता व अभिनेता या बड़े-बड़े कलाकारों ने देश को लाखों करोड़ों अरबों रुपए का फंड दिया। सुनने में आता है उस नेता 10 करोड, शाहरुख खान ने 101 करोड़, आमिर खान ने 180 करोड़ दिए, विराट कोहली ने 70 करोड या अक्षय कुमार ने 50 करोड़ रुपए दिए । अगर सबको जोड़ा जाए 421 करोड़ रुपये होते है। 


अगर ऐसी बात हकीकत होती है कि अभिनेता क्रिकेटर या राजनेता , सरकार को इतना बड़ा करोड़ों व अरबों रुपए का फंड देते है, तो सोचने वाली बात है कि भारत में कुल 130 करोड़ की आबादी लगभग नजर आती है । 


421 करोड़ में से 130 करोड़ रुपए बराबर भारत की 130 करोड़ की आबादी को एक-एक करोड़ रुपए भी दे दिया जाए तो भारत देश फिर से सोने की चिड़िया बन सकता है । और इस गरीबी रेखा में जूझ रहे भारत देश फिर से एक विकसित देश अपने आप में खड़ा हो सकता है। हर नागरिक अपने विकास के लिए खर्च करेगा अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे देगा।