कल जनपथ महोबा के कुलपहार थाना के अंतर्गत शराब की कवरेज करने गए पत्रकारो के साथ पुलिस का जो मार पिटाई करने का रवैया रहा उसकी विश्व पत्रकार महासंघ पत्रकारों के साथ जो पुलिस ने मार पिटाई की है इस घटना की कड़ी निंदा करता है, और सीएम योगी से यह हम कहना चाहते हैं जिसको आप सविधान का चौथा स्तंभ बताते हो सरेआम उनकी इस तरह से पिटाई कर देना कहां तक उचित है या चौथे स्तंभ के साथ यही सलूक किया जाता है, अगर यही सलूक संविधान में लिखा है तो हमें भी वह पैराग्राफ जरूर पढवा दें सरकार की कौन से पैराग्राफ और किस पेज नंबर पर यह लिखा हुआ के चौथे स्तंभ को स्टोरी करते हुए उसको पीटा जाए या उसके फोन छीन लिया जाए या उनको धमकाया जाए इन पत्रकारों के साथ इंसाफ करें, योगी सरकार और हमें उम्मीद है कि योगी सरकार इस पूरे मामले पर संज्ञान लेकर पत्रकारों के साथ इंसाफ जरूर करेगी यह लॅाकडाउन चल रहा है महामारी है देश में, ऐसे में अपनी जान पर खेलकर पत्रकार स्टोरी कर रहे हैं और देश के अंदर चल रही गलत गतिविधियों की खबरों को उजागर करना कोई अपराध नहीं है लेकिन उनके फोन छीन कर मोबाइल से सारे सबूत को मिटा देना डिलीट कर देना क्या यह अपराध नहीं है ? क्या उन पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं बनती है ? आप हमें बताएं जरा ।
जनपद महोबा के पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई करे योगी सरकार