तेज हुई कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने की तैयारी, केंद्र और राज्य सरकारें हुई तैयार

 "राज्यों के मुख्यमंत्री आए आपरेशन मोड में,


 "केरल में कोविड-19 पर मिली बड़ी सफलता, 


"हॉटस्पॉट बने क्षेत्र मुख्य निशाने पर, 


कोविड-19 से जंग के लिए पिछले एक-दो दिनों में अनेक प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने जो कदम अपने-अपने यहां के कुछ इलाकों में उठाए हैं, उन हालात के चलते ही  माना जा रहा है कि 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री से वीडियो कांफ्रेसिंग में चर्चा के दौरान अनेक मुख्यमंत्री कुछ सहूलियतों को छोड़कर लॉकडाउन बढ़ाने की मांग कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में हैं। उन्होंने जिन क्षेत्र से छह संक्रमित मिल रहे हैं, उसे हॉटस्पॉट मानते हुए बुधवार रात से 15 अप्रैल तक के लिए सील करने का आदेश दे दिया है।


इसी रास्ते पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। दिल्ली के 20 स्थानों को पूरी तरह से सील कर दिया गया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इलाकावार लोगों को क्वारंटीन करके बड़े पैमाने पर लोगों की जांच, संक्रमित की पहचान और कोविड-19 से जंग को मूल मंत्र बना लिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को भी कोविड-19 से लड़ने का सबसे कारगर उपाय सोशल डिस्टेंसिंग ही नजर आ रही है। केंद्र सरकार के पास इस समय सबसे संतोषजनक खबर केरल से आ रही है। केरल में कोविड-19 का संक्रमण काबू में आता दिखाई दे रहा है।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि केरल ने इस दिशा में अच्छा कार्य किया है। उसने जांच प्रक्रिया से लेकर संक्रमितों के इलाज में बड़ी सावधानी से काम लिया है। बताते हैं पूरे देश में वैसे 286 के करीब स्थानों पर कोविड-19 के संक्रमित हैं।


इनमें से 100 के करीब हॉटस्पॉट हैं। लेकिन राज्यों ने अब जिस तरह की इच्छाशक्ति दिखानी शुरू की है, उससे संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है। जांच किट संसाधन आने शुरू हुए तो तेज हुई जांच दिल्ली सरकार के पास पीपुल्स पर्सनल किट की खेप आने लगी है। जांच किट भी शुक्रवार तक आ जाएगी। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री के सचिवालय ने बताया कि वहां गुरुवार से इस तरह की समस्या नहीं रहेगी। राज्य सरकार ने पुणे, मुंबई, नागपुर, थाणे, सांगली, अहमदनगर में प्रयास तेज कर दिया है।


उत्तर प्रदेश ने भी 20 जिलों के स्पॉट क्षेत्र के लिए ठोस प्लान तैयार किया है। मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी और एडिशनल मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी खुद पूरे मामले की लगातार निगरानी कर रहे हैं। इसमें नोएडा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार काफी संवेदनशील बनी है।


राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव ने बताया कि अब आगरा उनके लिए उतना चिंताजनक नहीं है। लेकिन फिर भी उच्चस्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। इसी क्रम में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि राज्य में भीलवाड़ा अब चिंता से बाहर आ गया है, लेकिन जयपुर के रामगंज मोहल्ला, झुनझुनू, जोधपुर टोंक समेत अन्य जिलों में विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।


मध्य प्रदेश में भाजपा के शीर्ष नेता इंदौर के हालात को लेकर काफी चिंतित हैं। वहां की सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि सरकार की कमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ही पास है। अभी शिवराज मंत्रिमंडल का भी गठन नहीं हुआ है।



केंद्र सरकार भी लगातार मध्य प्रदेश से रिपोर्ट ले रही है। इंदौर में भी दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश की तरह ही कोविड-19 को काबू में करने के प्रयास जारी हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने हैदराबाद, निजामाबाद समेत अन्य जिलों में संक्रमितों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए कड़े कदम उठाए हैं। सभी राज्यों का मानना, लॉकडाउन या सोशल डिस्टेंसिंग कारगर हथियार जम्मू-कश्मीर से कन्या कुमारी तक और केंद्र सरकार के रणनीतिकारों तक सभी का मानना है कि कोविड-19 की लड़ाई का सबसे बड़ा हथियार लॉकडाउन (सोशल डिस्टेंसिंग) ही है। एक राज्य के मुख्यमंत्री का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों को खुद चीन और दक्षिण कोरिया के मॉडल पर अध्ययन के लिए कहा था।


उन्होंने पाया कि इटली, अमेरिका समेत जिन देशों ने पहले सोशल डिस्टेंसिंग के कांसेप्ट को नहीं अपनाया, उनके यहां हालत खराब हो गई। इसलिए कोविड-19 का मुकाबला सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराकर ही किया जा सकता है। सूत्र का कहना है कि उन्होंने 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री से होने वाली चर्चा में इसकी वकालत का मन बनाया है। लॉकडाउन में ढील भी जरूरी है एक पहाड़ी राज्य के मुख्यमंत्री का कहना है कि उनके राज्य में दवा हो या जरूरत के कई सामान, दूसरे राज्यों से आते हैं। राजस्थान सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि रबी की फसल की खरीद का समय है। उद्योग धंधे भी बंद पड़े हैं।


कोविड-19 से लड़ने के लिए संसाधनों की जरूरत है और ये संसाधन बिना औद्योगिक उत्पादन के संभव नहीं है। इस बारे में कंपनियों का कहना है कि वह कई सामान दूसरी कंपनियों से लेती हैं। लॉकडाउन के कारण दूसरे सामानों की आपूर्ति की समस्या आ रही है। इसलिए लॉकडाउन में भी ढील भी जरूरी है। केंद्रीय सचिव का राज्यों को पत्र केंद्रीय गृहसचिव अजय भल्ला ने भी राज्यों के प्रमुख सचिवों को पत्र लिखा है। उन्होंने राज्यों को कोविड-19 और संक्रमण को रोकने वाले प्रयासों को देखते हुए जरूरी संसाधनों की उपलब्धता पर जोर देने के लिए कहा है।


ताकि कीमतों में वृद्धि न होने पाए, जनता को परेशानी न हो और किसी तरह की कोई दूसरी समस्या न खड़ी हो। केंद्रीय गृह सचिव का यह पत्र इस तरह साफ संकेत कर रहा है कि केंद्र सरकार भी कोविड-19 से लंबी लड़ाई लडऩे के मूड में है। अभी भी समय है नीति आयोग में डा. विनोद पॉल के ऑफिस के सूत्र का कहना है कि एक-दो क्षेत्र को छोड़ दीजिए, तो अभी कोविड-19 के तीसरे चरण में जाने की सूचना नहीं है। हालांकि सूत्र का मानना है कि अभी संक्रमितों की ढंग से जांच ही नहीं हुई है, लेकिन फिर भी कोविड-19 संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है।


अंडर सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी का कहना है कि उन्होंने जो देशभर से प्राप्त रिपोर्ट देखी है, उससे यही लग रहा है कि अभी भी समय है। कुछ कड़े कदम उठाए और सरकारें प्रतिबद्धता दिखाएं तो  भारत दुनिया के सामने उदाहरण बन सकता है। सूत्र का कहना है कि अभी यह विकल्प हमारे पास बचा है।