शाम ढलते ही मयखाने में तब्दील हो जाते हैं ढाबे

 शिकारपुर : नगर के आसपास के दायरे में स्थित ढाबों व होटलों में अवैध शराब की बिक्री का धंधा जोरों पर है अवैध रूप से शराब का कारोबार कर रहे ढाबा व होटल मालिक इस धंधे से चांदी काटने में मशगूर है शाम ढलते ही इन ढाबों में शराबी तत्वों का जामबाड़ा लगने लगता है और ढाबे के पीछे एवं कमरों में खुलेआम इन्हें शराब परोसी जाती है अवैंधानिक रूप से इन ढाबों में शराब बेचने का सिलसिला लंबे समय से जारी है जवाबदार भी स्वार्थ के चलते इन ढाबों पर कार्रवाई नहीं करते हैं यही कारण है कि शाम होते ही यह ढाबे मयखाने में तब्दील हो जाते हैं इन ढाबा संचालकों के हौसले इतने बुलंद है की रात की बात तो दूर ये ग्राहकों को दिन के समय में भी बाहर बैठकर खुलेआम शराब परोसने में गुरेज नहीं करते इन ढाबों पर शाम होते ही नगर व देहात क्षेत्र के पहुची शराबियों की टोलियां अपना डेरा जमा लेती हैं वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाले लोग भी थोड़ी देर यहां पर रुककर जाम से जाम टकराकर ही यहां से निकलते हैं ऐसा नहीं है कि यह सब कोई चोरी-छिपे भीतर होता है ढाबों के बाहर तथा पीछे की और खुले में इन ढाबों पर शराबखोरी चलती रहती है शराब खोरी के बाद में तेज गति से दौड़ते हैं वाहन इन ढाबों से शराब पीकर निकलने के बाद में नशे में धुत लोग सड़क पर तेज गति से अपने वाहन चलाकर निकलते हैं जो कि कई बार दुर्घटनाओं का कारण बने हैं शराब पीकर वाहन चलाने वालों को रोकने या उनकी जांच की भी कोई व्यवस्था नगर में प्रशासन के पास नहीं है न ही इस ओर वो ध्यान देते हैं यदि समय पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो आने वाले दिनों में इन्हीं अवैध ढाबों से शराब पीकर निकलने वाले लोग बड़ी दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर सकते हैं।